bhairav kavach No Further a Mystery

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संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥ 

संहार भैरवः पायात् ईशान्यां च महेश्वरः ।।

श्रुणुयाद् वा प्रयत्नेन सदाऽऽनन्दमयो भवेत् ॥ १॥

भविष्य में आने वाली बुरी दुर्घटनाओं से रक्षा होती है।



किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं होता, सभी प्रकार के उपद्रव शांत हो जाते है।

।। इति बटुक भैरव तन्त्रोक्तं भैरवकवचम् ।।

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः । 

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॥ ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीम् ॥

सर्वव्याधिविनिर्मुक्तः वैरिमध्ये विशेषतः ॥ २२॥

ಬಂಧೂಕಾರುಣವಾಸಸಂ ಭಯಹರಂ ದೇವಂ ಸದಾ ಭಾವಯೇ

सम्प्राप्नोति फलं more info सर्वं नात्र कार्या विचारणा।

केन सिद्धिं ददात्याशु काली त्रैलोक्यमोहन ॥ १॥

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